रविवार, 1 दिसंबर 2019

हिन्द की चादर गुरु तेग बहादुर सिंह जी महाराज



🙏 नवम पातशाह गुरु तेगबहादुर सिंह जी महाराज [हिन्द की चादर ] के 345 वें शहादत दिवस पर कोटि कोटि नमन व विनम्र श्रद्धांजलि ...🙏🙏
' शीश जाये ,तन जाए ...सिक्खी सिदक न जाये .'..[ वाणी ]
राम गयो रावण गयो, ताको बहु परिवार... कह नानक थिर कछु नहीं,सपनेहु जस संसार...[ वाणी ]
' पहिले मोमिन तूं हमको बनाले .हिंदुआं नू फेर तू कहीं .'.।
24 नवम्बर 1675 को दिल्ली के वर्तामान गुरुद्वारा शीशगंज [चाँदनी चौक ] पर इस्लाम न कबूल करने के कारन शहीद किया गया ।11 नवंबर 1675 को गुरु महाराज के सामने ही भाई मत्ती दास जी ,भाई सत्ती दास जी व भाई दयाला जी को दुनिया के विभत्सम तरीके [ खड़े -खड़े आरे से चिर दिया गया ,चरखड़ीयोँ पर चढ़ा कर ] शहीद कर दिया गया था ।
परन्तु सिक्खी अडोल रही हिन्दुओं को दिया वचन अटल रहा । आज हमारा वजूद है तो उनकी वजह से है .. ।
गर्व है की हम उस शहीदी परंपरा के वारिस हैं ....।
"हर जन्म में बाबे तेरा पथ मिले ....नानक नाम जहाज सिक्खी का रथ मिले "
उदय वीर सिंह ।

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