गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

जगाये गए हैं आप ...


लूटे गए हैं आप ,लुटाये गए हैं आप ,
बा-मुश्किल मिली थी नींद जगाये गए हैं आप-
चले थे तलाशने सच, बड़ी उम्मीद ले
बे-कब्र बे-कफन दफनाये गए हैं आप -
अपने निवालों में अफीम से बे-खबर थे
अपनी ही नजर , गिराए गए हैं आप -
नींद का मजहब होगा ,ख़्वाबों का भी,
हको जमीर होगा आपका बताये गए हैं आप -
उदय वीर सिंह

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