शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

बन्दूक नकली ..रंगदारी बड़ी मिली ...


छोटे से हाथ जमींदारी बड़ी मिली,
बन्दुक नकली,रंगदारी बड़ी मिली
कबूतर उड़ गए शिकारी जाल लिए,
उन्हें कोई जानकारी बड़ी मिली-
वफादार ढूंढता रह गया ले चिराग,
गद्दार को वफादारी बड़ी मिली-
मिले खुले दरवाजे रोजगार के
मिली तो बे-रोजगारी बड़ी मिली -
गरीब की थाली बे-निवाला रह गयी
अमीर को बे-मांगे उधारी बड़ी मिली -
उदय वीर




कोई टिप्पणी नहीं: