रविवार, 5 अप्रैल 2020

संवेदन का संज्ञान करो .....


रुत वेदन की आयी , संवेदन का संज्ञान करो,
आंसू क्रंदन अवसाद तजो साहस सर संधान करो -
अभिशप्त हो जीवन से करूणा,
दया प्रेम सास्वत रखना
विपदा के झंझावातों में
सहकार सदा जाग्रत रखना -
टूटा है हर तुफ़ान सबल ,
वर जीवन का अभिमान करो -
साक्षी हैं युग संवत संवत्सर ,
जीवन मधुमास ले आया है
बाँध पीर पतझर की पोटल
नद अनल प्रवाह दे आया है -
भोर उत्सव की आनी है
मन शंसय का अवसान करो -
उदय वीर सिंह

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