रविवार, 23 मई 2021

अमन नहीं छोड़ा..


कीमत चुकाई है पर अमन नहीं छोड़ा।

मांगा वक्त ने दिया,इम्तिहान नहीं छोड़ा।

परिंदों की शर्तों पर शाखें नहीं उगतीं,

हमने तन,धन छोड़ा वतन नहीं छोड़ा।

थक गए आंधी तूफान भी दर आते-आते

हम बनाते रहे हैं घर सृजन नहीं छोड़ा।

एक दौर भी था मेरे हक से मुकर गया,

छोड़ा तो तख्त छोड़ा सतनाम नहीं छोड़ा।

उदय वीर सिंह ।

शनिवार, 15 मई 2021

 🙏नमस्कार मित्रों !

ये ज़ख्म भी भर जाएंगे वो खंजर भी टूटेगा।

आज आग बरसी है,बादल पानी भी बरसेगा।

ये दिल मुरीद है हौसलों का वीर झुकता नहीं,

आज अश्क हैं कल हयाती मंजर भी देखेगा।

सफ़र में रहजन ही नहीं सज्जन भी मिलते हैं,

काफ़िला हरहाल में अपनी मंजिल को पहुंचेगा।

उदय वीर सिंह


शनिवार, 8 मई 2021

हौसला चाहिए....।



हौसले साथ हैं , हौसला चाहिए।

हौसलों के सिवा और क्या चाहिए।

ये है मौसम तेज़ाबी न भींगे कोई,

घोर विपदा में सबका भला चाहिए।

हाथ कमज़र्फ जिनके गिला क्या करें,

प्रीत दिल से रहे सिलसिला चाहिए।

रंक-राजा न पहचानती है वबा,

लोड़बन्दों को हर दर खुला चाहिए।

हर अंधेरे से जीतेगी इंसानियत,

हर चौखट पर दिया जला चाहिए।

उदय वीर सिंह।