गुरुवार, 5 अगस्त 2021

डर जाने के बाद...



टुकड़े ही उठाएंगे बिखर जाने के बाद।

घर दिखाई देता है उतर जाने के बाद।

पाएंगे सौगात जी कफन में लपेट कर,

बे-वजूद हो जाएंगे डर जाने के बाद ।

बाद रुख़्सती के कौन रोता है उम्र भर,

रोते कुछ देर तक ख़बर आने के बाद।

बे-जुबान शहर,तन्हा बोलता रह गया,

इमदाद आयी भी तो मर जाने के बाद।

उदय वीर सिंह।