मंगलवार, 14 सितंबर 2021

औजार बनाने को कहिये...








.हिंदी पखवाड़ा..✍️

हथियार बनाने वालों से औजार बनाने को कहिए।

दीवार उठाने वालों से शुभ-द्वार बनाने को कहिये।

आकाश मित्रवत तब तक है जब तक ऊर्जा पंखों में,

एक नीड़ धरा ही दे सकती आधार बनाने को कहिये।

प्राण प्रतिष्ठा मानवता की मन-मानस करनी होगी,

रचनाकारी हाथों से संस्कार रचाने को कहिये ।

पत्थर और फूलों की अपनी- अपनी दुनियां है,

घर भी बने उपवन भी बसे गुलज़ार बनाने को कहिये।

अन्याय भेद षडयंत्रों से रक्तपात ही उपजा है,

जीवन जलता आग घृणा की प्यार बसाने को कहिये।

भष्मित कर देता उन्माद इतिहास जगत का कहता है,

पहले शीश झुके अपना फिर शीश झुकाने को कहिये।

उदय वीर सिंह।

1 टिप्पणी:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं| सुन्दर सृजन |