बंदी छोड़ दिवस( 52 कैदी हिन्दू राजाओं की मुक्ति )व ज्योति पर्व की लख-लख बधाई मित्रों।
मुकद्दर में सबके उजाला रहे।
मस्जिद किसी को शिवाला रहे।
कपड़ा और घर की कमीं न रहे,
सबकी थाली मयस्सर निवाला रहे।
घर आंगन में दीपक मुक़द्दस रहे
हिफ़ाजत में दामन का साया रहे।
उदय वीर सिंह।
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