शनिवार, 29 जनवरी 2022

रिश्ते गुलाब रखिये...







...🌷

 अपने रिश्ते गुलाब रखिये।

प्रीत का उपर ताज रखिये।

बाहर कमीं नहीं सहरा की,

दिल में हरा भरा बाग रखिये।

खूबसूरत हैं उंगलियांआपकी,

अपने नगीने पर नाज़ रखिये ।

शोलों को देखा है बुझते हुए,

थोड़ा शरबती मिज़ाज रखिये।

कोई तूफ़ान ना-ख़ुदा नहीं होता,

हौसले अपने फ़राज रखिये।

उदय वीर सिंह।

शुक्रवार, 28 जनवरी 2022

शज़र कह रहा ...


 




.....हमको मालूम नहीं ✍️

शाख पर हों रहीं सारी सरगोशियां,

शज़र कह रहा हमको मालूम नहीं।

बह रही है हवा,ले ज़हर हर गली,

शहर कह रहा हमको मालूम नहीं।

रास्ते में मिले हमसफ़र जो गए,

सफ़र कह रहा हमको मालूम नहीं।

रात लंबी अंधेरी कबकी रुखसत हुई,

सहर कह रहा हमको मालूम नहीं।

कैसे गुलशन में गुलआफताबी हुए,

नज़र कह रही हमको मालूम नहीं।

आज अख़बार की सुर्खियों में जो है,

ख़बर कह रही हमको मालूम नहीं।

उदय वीर सिंह।

गुरुवार, 27 जनवरी 2022

गणतंत्र ...जिये मेरा वतन


 




.....जिये मेरा वतन✍️

वतन से शुरू हो वतन पर खतम,

जांनिसारों की दुनियां का शानी नहीं।

दीन है ये वतन,अपना ईमान है,

ये हक़ीक़त युगों की, कहानी नहीं।

न इस लोक में ना किसी लोक में,

गंगा यमुना के जैसा कोई पानी नहीं।

राम के गीत हैं , गीत रहमान के,

गीत हैं प्रीत के जिनका शानी नहीं।

जिंदगी से बहुत ही ,वतन सोणा है,

अपने गुरुओं से चंगी कोई बानी नहीं।

उदय वीर सिंह।

मंगलवार, 25 जनवरी 2022

बेटी है तो शक्ति है...


 






...बेटी दया की पात्र नहीं✍️

बेटी ( माधवी) के अंतिम निर्णय को प्रथम निर्णय लेने का जन्मजात अधिकार हो...!               ययाति ,विश्वामित्र ,गालव की बेटी मात्र स्वार्थ-साधक नहीं..।

  जब एक बेटी (माँ ) ही ,एक बेटी ( देवी) से एक चिराग( बेटा ) मांगती  हो, कोख में एक बेटी के आने की आहट मात्र से कुटुंब लज्जित होता हो,बेटी का छठिहार (जन्म का स्वागत) वर्जित हो , बेटी का विधवा होना कुलों को अभिशापित करता  हो, बेटी का सिर ऊंचा हो जाना कुल मर्यादा के विपरीत आचरण माना जाता हो, स्वयं का निर्णय, मूल्यों का अतिक्रमण घोषित होता हो, नारीत्व घोर नर्क का द्वार। बनता हो.....आदि आदि 

...फिर बेटी का उद्धार यक्ष प्रश्न बनकर उभरता है।

  "पानी है बंद बोतल 

   बंद दरवाजे हैं,

   आंखों में नीर ले 

   चिरैया पियासी है।

   पीर है पहाड़ जैसी

   ढलती न गलती है,

    सोने के पिंजरे में

    बैठी उदासी है।"

 उदय वीर सिंह ।

रविवार, 23 जनवरी 2022

देश- राग

 ....देश-राग✍️

मिलकर गाये प्रेम गीत सब,

उन रागों का क्या होगा।

चादर बीनी देश प्रेम की,

उन धागों का क्या होगा।

इस वतन की मिट्टी ने मांगा, 

हर तन ने अपना खून दिया,

रंग अनेक लिए गुल खिलते

उन बागों का क्या होगा।

हिन्दू सिक्ख ईसाई मोमिन,

जिस आलय में रहते हैं,

कर्तव्य मूल्य संघर्ष प्रेम पथ,

सज्जित द्वारों का क्या होगा।

निहितार्थ वतन की सेवा,

जीवन का हर पल अर्पण,

सर्वस्व न्योछावर करने वाले 

उन पद-चिन्हों का क्या होगा।

उदय वीर सिंह।


शनिवार, 22 जनवरी 2022

संभव नहीं प्रभात न हो...


 




🙏नमस्कार मित्रों!

सुख आये दुख साथ न हो,

संवेदन हो आघात न हो।

लंबी हो सकती है रात कभी

ये सम्भव नहीं प्रभात न हो।


ढलते ढलते कह जाते नीर,

आतप मन की पीड़ा को,

वो पर्वत सम्पूर्ण नहीं जिस

अन्तस बसा प्रपात न हो।


पीर हृदय की समझ न पाए,

जलधि सरित के नीर भेद,

गाये प्रलेख अवसादों का,

वो मन मानस निष्णात न हो।

उदय वीर सिंह।

शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

प्रीत का रास्ता रखते...


 






....✍️

गर मजबूर की गलियों से भी वास्ता रखते।

सर हो जाती मंजिल प्रीत का रास्ता रखते।
जख्मों को नमक नहीं जरूरत मरहम की है,
जयचंद न होता गर भाई सङ्ग उदारता रखते।
टूट जाती है ख़ामोशी पर्वतों की भी एकदिन,
होकर नर्म दिल पत्थरों से कभी वार्ता करते।
दिल उनके पास भी है हो कोई सुनने वाला
यकीनन बेज़ुबान भी अपनी दासतां रखते।
उदय वीर सिंह।

गुरुवार, 13 जनवरी 2022

लोड़ी ( ਲੋਹੜੀ ) मुबारक ..


 



🌷....लोड़ी दा पियार सत्कार सदका सारियां लोकां राजा अते रंक नूँ मुबारक....✍️

***

सुखआवण दुख जावण दा 

त्योहार लोड़ी है।

मस्सियाँ वाली रात दा 

भिनसार लोड़ी है।

रब का दित्ता प्यार भरा

उपहार लोड़ी है।

किरत करना बंड के छकणां

सत्कार लोड़ी है।

उदय वीर सिंह।

बुधवार, 12 जनवरी 2022

कुदरत बता देती है।











 .....✍️

क्या छिपाएंगेआप उम्र

कुदरत बता देती है।

हंसी की तल्ख अदा 

नफ़रत बता देती है।

गर्दीशी में लोगों की

मिज़ाजपुर्सी आपकी 

शोहरत बता देती है।

छोड़ अपना गैरों के

गम शरीक होना,

बड़ा ज़िगर है आपकी

हिम्मत बता देती है।

हाथ खाली फिर भी 

देने की दिली हसरत,

मजलूमों से हमदर्दी आपकी 

 मसर्रत बता देती है।

उदय वीर सिंह।

सोमवार, 10 जनवरी 2022

वीर बालक दिवस " 26 दिसम्बर"


 .....स्वागत योग्य✍️

अमेरिकी स्टेट असेंबली द्वारा महान शहीद गुरु -पुत्रों " छोटे साहिबजादों " को विश्व के सबसे कम उम्र के 'शहीद ' का अप्रतिम ख़िताब दिया जाना विश्व-जन-मानस का सिक्खी व सिक्ख-दर्शन  के प्रति अद्दभुत श्रद्धा तथा स्वागतयोग्य सत्कार है।

  साथ ही भारत सरकार का 26 दिसंबर को अपने देश में गुरु-पुत्रों " साहिबजादों " के शहीदी दिवस को " वीर बालक-दिवस " के रूप में घोषित कर मनाए जाने की घोषणा स्वागत योग्य है।

***

जब शख्शियत अंशुमान हो जाती है।

बादलों की कोशिश नाकाम हो जाती है।

रग-रग में मूल्य संस्कारों का खून बहता हो,

सिक्खी सारे जहां में महान हो जाती है।

तख्तो ताज के जानिब बहाते खून देखा है,

वतनो धर्म के ऊपर सिक्खी कुर्बान जाती है।

उदय वीर सिंह।

साहिबे कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज


 





.. दस्तावेजों से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी.✍️

दशम गुरु गोबिंद सिंह  जी महाराज के संदर्भ में विश्व की अप्रतिम विभूतियों के विचार व दस्तावेज़ों से संकलित कथ्य,तथ्य..

1- बुल्ले शाह जी -

      न कहूं अबकी ,न कहूं तबकी 

        गर न होते गुरु गोबिंद सिंह 

         सुन्नत होती सबकी -

2 अल्ला यार खान -


  " इंसाफ गर करे जो जमाना तो यकीन है,कह देगा के गोबिंद का कोई सानी नहीं है"

3 -अब्दुल तुरानी ( औरंगजेब का जासूस)-

" बादशाह सावधान हो जाईये ,गुरु गोबिंद सिंह ईश्वर का जिवंत रूप है ,उसके विरुद्ध होना खुद के विरुद्ध होना है .."

4 - मोहमद लतीफ़-

( hisotrian)-

   " Guru Gobind Singh  was  great  as a 

person ,greater as a soldier and  as a  philosopher he  was second  to non .."

5  - किबरिया खान (कवि )-

  क्या दसमेश पिता तेरी बात कहूं ,

जो  तूने  परोपकार किये।

एक खालस खालसा पंथ सजा 

जातों  के  भेद  निकाल दिए "

6 -पीर भीखम शाह (दरवेश)- 

  " पटना ( बिहार ) की तरफ आजीवन अपना  रुख करके अपनी नमाज      

   पढते रहे ,यह घोषित करके कि मेरा साईं पटना में अवतरित हो गया है।"

7 - स्वामी विवेकानंद -

   " हमारी नस्ल का महान गौरवशाली नायक ...."

8 - स्वामी महेश्वरा नन्द- 


    " गुरु गोबिंद सिंह जी ने एक सिख में ब्राम्हण क्षत्रिय  वैश्य ,शुद्र की सभी शक्तियों (गुणों )को समाहित कर दिया ..."

9  - पंडित मदन मोहन मालवीय - 

" प्रत्येक हिन्दू परिवार को अपने  एक सदस्य को  गुरु गोबिंद सिंह के सिंह के रूप में परिवर्तित करना होगा .."

10 -- के एम पणिक्कर। (k .m .panikkar)- (इतिहास विद) 


  " महान गुरु ने  'आदि ग्रन्थ ' को जीवित गुरु के रूप में स्थापित कर सर्वव्यापी गुरु का रूप दिया .."

11 - डॉ.राजेंद्र प्रसाद (भारत के प्रथम राष्ट्रपति)

  " सिख गुरु महान युग प्रवर्तक व् राष्ट्र नायक हैं जिनके अंदर किसी के प्रति  कोई पूर्वाग्रह नहीं है .."

12 -- डॉ राधा कृषणन -

   " गुरु साहिबान अनंत समय के लिए ज्योति स्वरुप 

मनुष्यता के दूत  हैं ..."

13 - दलाई लामा -(धार्मिक गुरु)

   

  " गुरु साहिबान अपनी अद्वितीय छबि के कारन आसमान के अप्रतिम तारों के बिच अप्रतिम तारे हैं .."

14 - श्री रबिन्द्र नाथ टैगोर-

   " गुरु की शबद जोति प्रशंसनीय और अप्रतिम है ."

15- लार्ड कनिंघन (इंगलैंड)-

   ....The  lowest  of the  lowly became equal  to  the  highest  of  the  higher  caste .  


16-  सर विलियम वर्बर्ट (Sir William Warburt)

   " खालसा तर्कों व् नैतिक मूल्यों के शिखिर मानदंडों पर आधारित है .." 


17  -विंसेंट चर्चिल (W .Charchil .ex.PM.U.K.) -

    " The superior religion  based  on  suprim social  vaues ..." 


18 -डब्लू एम ग्रेगर (W .M .Gregor) -

      " guru  gobind  singh  affected    a  total  reform  in  the  religion  manners  and  habbits  of the  sikhs ..."

19  - एफ. पिकोट (F . Pincott) - 


    " God  was  speaking  in  guru .." 


20- बिल क्लिंटन (Bill clinton .ex. presi of USA.)

   " जब हम  मनुष्य प्रजाति में खोजते है तो पाते हैं कि गुरुओं का  जीवन और उपदेश समस्त मानव जाति के लिए एक सामान व् पारदर्शी था ,जो अद्भत है .."

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   सिक्खी आश देती है भरोष देती है। 

            जुल्म के खिलाफ आक्रोश देती है।

              जब भी माँगा है वतन ने,कौम ने 

                 देती   है   तो  सरफ़रोश  देती  है।

🙏

वाहे गुरु जी दा खालसा 

वाहे गुरु जी दी फ़तेह .।

- उदय वीर सिंह ।

शनिवार, 8 जनवरी 2022

मदारी की अंगूठी......


 




..✍️

जुल्म की हर अदा कामयाब होगी 

 कौन कहता है।

मदारी के हाथ की अंगूठी नायाब होगी 

 कौन कहता है।

इल्म का बाँझपन आंसुओं से वास्ता नहीं रखता,

हर महल के पीछे मुमताज होगी 

 कौन कहता है।

मक्के  दी रोटी सरसों के साग का स्वाद  ही बखरा,

सिर्फ अमीर की रोटी लाजवाब होगी 

 कौन कहता है।

उदय वीर सिंह।

शनिवार, 1 जनवरी 2022

मरुभूमि में जल मिल जाये....






 🙏नूतन वर्ष की अरदास ,कामना..🌷 

*

निर्धन को धन विस्वास मिले,

निर्बल को बल मिल जाये।

बेबस को कुल इंसाफ मिले,

अंधे को संबल मिल जाये।

*

नवल वर्ष की अरदास कामना

कर्मवीर को प्रतिफल मिल जाये।

धर्म,पंथ को मान सम्मान मिले,

साधक को मन निश्छल मिल जाये।

*

जन-मानस की राह कठिन है,

पथ उसको समतल मिल जाये।

मृगमरीचिका का भ्रम टूट चले,

मरुभमि में जल मिल जाये। 

*

उदय वीर सिंह ।