शनिवार, 29 जनवरी 2022

रिश्ते गुलाब रखिये...







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 अपने रिश्ते गुलाब रखिये।

प्रीत का उपर ताज रखिये।

बाहर कमीं नहीं सहरा की,

दिल में हरा भरा बाग रखिये।

खूबसूरत हैं उंगलियांआपकी,

अपने नगीने पर नाज़ रखिये ।

शोलों को देखा है बुझते हुए,

थोड़ा शरबती मिज़ाज रखिये।

कोई तूफ़ान ना-ख़ुदा नहीं होता,

हौसले अपने फ़राज रखिये।

उदय वीर सिंह।

6 टिप्‍पणियां:

Rohitas Ghorela ने कहा…
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Ravindra Singh Yadav ने कहा…
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संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…
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Amrita Tanmay ने कहा…
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Meena sharma ने कहा…
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Bharti Das ने कहा…
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