tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post1718352836199856715..comments2024-03-28T14:46:23.919+09:00Comments on उन्नयन (UNNAYANA): पंछी का घरudaya veer singhhttp://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-91990210056176618472011-02-09T14:37:55.710+09:002011-02-09T14:37:55.710+09:00आना तो होगा धरातल पर एक दिन ,
...आना तो होगा धरातल पर एक दिन ,<br /> उड़ानों में जीवन बसर तो ना होते ---------<br />.<br /> क्यों हो गये हम ख्यालों के पंछी ,<br /> उदय आश्मां में कहाँ घर हैं होते -------- - <br /><br />वाह वाह क्या बात है । सुन्दर सार्थक सन्देश दिया इन पाँक्तिओं के माध्यम से। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com