tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post2585471385606692993..comments2024-03-28T14:46:23.919+09:00Comments on उन्नयन (UNNAYANA): सुलझनudaya veer singhhttp://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-39726818950279410402010-11-07T18:36:54.226+09:002010-11-07T18:36:54.226+09:00बिछना था जिनको राह में ,कांटे बिछा दिए ,
चुभते रह...बिछना था जिनको राह में ,कांटे बिछा दिए ,<br />चुभते रहे जो उम्र भर , बे- पीर हो गयी -----<br /><br />बहुत खूबसूरत गज़ल है ..<br /><br /><br />कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...<br /><br />वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए <br />डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com