tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post259666943638323836..comments2024-03-28T14:46:23.919+09:00Comments on उन्नयन (UNNAYANA): कर्ज किस्तों मेंudaya veer singhhttp://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-63341790768918710812011-05-11T15:09:28.457+09:002011-05-11T15:09:28.457+09:00पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ.. आपकी रचनाएँ दिल प...पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ.. आपकी रचनाएँ दिल पर प्रभाव छोड़ती हैं... सोचने पर मजबूर करती हैं..मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-24005928900836571622011-05-05T17:21:47.683+09:002011-05-05T17:21:47.683+09:00बहुत खूब
मोहसिन रिक्शावाला
आज कल व्यस्त हू -- I...बहुत खूब <br /><br /><a href="http://coralsapphire.blogspot.com/" rel="nofollow">मोहसिन रिक्शावाला </a><br /><a href="http://rimjhim2010.blogspot.com/" rel="nofollow">आज कल व्यस्त हू -- I'm so busy now a days-रिमझिम</a>Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-28851866021355167072011-05-05T14:15:50.417+09:002011-05-05T14:15:50.417+09:00आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
बहुत ख़ूब...आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!<br /> बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-29641838312589851522011-05-05T09:56:23.024+09:002011-05-05T09:56:23.024+09:00अनेक प्रकार का ऋण है हम पर । कहीं ईश्वर का , कहीं ...अनेक प्रकार का ऋण है हम पर । कहीं ईश्वर का , कहीं मातृ ऋण , कहीं पितृ ऋण , कहीं स्नेह का ऋण.....<br />मैं भी आपके साथ हूँ। बस चुकाए जा रही हूँ ...किश्तों में...ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-72483454172634534042011-05-04T22:49:31.315+09:002011-05-04T22:49:31.315+09:00कितनी आसानी से कह दी आपने इस जीवन की सचाई को आपकी ...कितनी आसानी से कह दी आपने इस जीवन की सचाई को आपकी लेखनी को नमन और आपको बधाई...Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-21694373509733209772011-05-04T15:11:18.911+09:002011-05-04T15:11:18.911+09:00धर्म ,समाज ,अर्थ , ऋण का बोझ ,
बढ़ता रहा है -"...धर्म ,समाज ,अर्थ , ऋण का बोझ ,<br />बढ़ता रहा है -"-सवा सेर गेहूं की तरह "<br /><br />प्रभावी प्रस्तुतिKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-61698830715012999742011-05-04T10:32:17.338+09:002011-05-04T10:32:17.338+09:00कर्ज किस्तों में
ऋण संज्ञा है या सर्वनाम ,
विशेषण ...कर्ज किस्तों में<br />ऋण संज्ञा है या सर्वनाम ,<br />विशेषण है या अलंकार<br />उलझ जाता हूँ ,इनके प्रयोग में ...<br />माँ कहा करती ----<br />" कर्ज है कि--उतरता नहीं "<br />धर्म ,समाज ,अर्थ , ऋण का बोझ ,<br />बढ़ता रहा है -"-सवा सेर गेहूं की तरह "<br />बहुत सुंदर कविता भाई उदयवीर जी आपकी सोच बहुत व्यापक है बधाई और शुभकामनाएं |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-24418932164943630692011-05-04T10:32:14.697+09:002011-05-04T10:32:14.697+09:00कर्ज किस्तों में
ऋण संज्ञा है या सर्वनाम ,
विशेषण ...कर्ज किस्तों में<br />ऋण संज्ञा है या सर्वनाम ,<br />विशेषण है या अलंकार<br />उलझ जाता हूँ ,इनके प्रयोग में ...<br />माँ कहा करती ----<br />" कर्ज है कि--उतरता नहीं "<br />धर्म ,समाज ,अर्थ , ऋण का बोझ ,<br />बढ़ता रहा है -"-सवा सेर गेहूं की तरह "<br />बहुत सुंदर कविता भाई उदयवीर जी आपकी सोच बहुत व्यापक है बधाई और शुभकामनाएं |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-40975356041826057242011-05-03T19:14:23.265+09:002011-05-03T19:14:23.265+09:00किश्तों में
जीवन दीप , ऋण के तेल से ज...किश्तों में <br />जीवन दीप , ऋण के तेल से जला रहा हूँ ,<br />क़र्ज़ इतने की -----<br />किश्तों में ,चूका रहा हूँ /<br /><br />बहुत खूब! आज मध्यम वर्ग का यही हाल है..बहुत सार्थक और प्रभावी प्रस्तुति. आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-28145215894407134882011-05-03T15:59:06.809+09:002011-05-03T15:59:06.809+09:00बहुत विचारणीय रचनाबहुत विचारणीय रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-56544477364433363192011-05-03T12:43:39.447+09:002011-05-03T12:43:39.447+09:00वाकई.....
बोझ धरती पर है इतना यारो
क़र्ज़ इतना क...वाकई.....<br />बोझ धरती पर है इतना यारो <br />क़र्ज़ इतना कि उतरता ही नहीं<br />हम भी ऐसे कि दबे बैठे हैं <br />लोग ऐसे कि मानते ही नहीं !<br /><br />शुभकामनायें भाई जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-4314248526839579452011-05-03T11:39:10.722+09:002011-05-03T11:39:10.722+09:00वाह ....
शुभ प्रभात भाई जी !वाह ....<br />शुभ प्रभात भाई जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-145714450448987318.post-49261949934892309542011-05-03T11:05:56.147+09:002011-05-03T11:05:56.147+09:00उदय जी आपने तो चंद पंक्तियों में ही हम पर ऋण चढा द...उदय जी आपने तो चंद पंक्तियों में ही हम पर ऋण चढा दिया.अब आपको क्या जबाब देकर उतारूँ इसे.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.com