स्वर्ग,अम्बर से निचे उतर आएगा /
कर्मवीरों, तेरी साख अहले-वतन ,
बनके खुशबू फिजां में बिखर जायेगा /
इतने मज़बूर तुम आज क्यों हो गए ,
कोई आंशू बहाए तुम्हारे लिए /
जाग उठो समय मागता जागना ,
प्रिय भारत तुम्हारे -हमारे लिए /
आज़ाद भारत की आवाज़ तुम हो ,
गीत बन कर दिलों में उतर जायेगा -----
एक से एक मिलकर एगारह हुए ,
चल पड़े दो दिलों को मिलाते हुए/
दुःख-सुख के साथी बनों प्रेमिओं ,,
सुख देते हुए दुःख मिटाते हुए /
किसी अहसान की ना जरूरत तुम्हे ,
सुंदर भारत तेरे घर नज़र आएगा /-----
धोखा अब तक मिला है,मिली ना डगर ,
अपने हांथों से रस्ते बना लीजिये /,
स्वयं-सहायता -समूहों का करके गठन ,
गरीबी- अशिक्षा भगा दिजीये /
शान- सम्मान की है जरूरत तुम्हें ,
तेरे कर्मों से सब तेरे घर आएगा /------
शादी, सगाई, पढाई के खातिर
ना बेंचोगे तुम अपणे सम्मान को /
बीमारी ,रोजगारी,सभी में सहाई,
नियमित बचत तेरे हर काम को /
सवा-सेर गेहूं में जीवन बिका है ,
गुजरती गयी पीढियां क़र्ज़ में ,
गरीबों,मजलूमों का जीवन ही जकड़ा ,
तड़फते रहे हैं, अबतलक दर्द में /
अश्त्र ले, शस्त्र ले ,स्वयं सहायता का करों में ,
खुशहाल भारत नज़र आएगा /----
चल पड़ा तूं निश्चय कर अपनी राह में ,
उदय तेरा रस्ता संवर जायेगा /------
उदय वीर सिंह ,
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