करने को झुका सलाम ,तो चर्चा में आ गाए /
अनुभूतियाँ थी साथ में ,चाहा जो बांटना ,
कही जो मन की बात , तो चर्चा में आगये ---------
चेहरे पर पड़ा हिजाब था ,ना-मुनासिब ,बे -अदब बनूँ ,
उठाई ,वक्त की मांग से ,चर्चा में आ गाए -----------
मिलता कहाँ सकून ! बे-गैरत , जो हो गए ,
आया जब होश में तो ,चर्चा में आ गए -----------
ढूंढा ,किसी ने कब ? कहाँ ? बे रोशन ,बे -नूर को ,
चल पड़ा जो ढूंढने , चर्चा में आ गाए ----------
खुश - नशीबी है आज मेरी ,जहीनों ,से वास्ता ,
पाई आशीष सबकी ,चर्चा में आ गाए -----------
सलामत रहे ये कारवां ,चलता रहे बेख़ौफ़ ,
चर्चा मंच ,से उदय ,चर्चा में आ गये ----------
उदय वीर सिंह .
२३/११/२०१०.
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