मंगलवार, 23 नवंबर 2010

अर्पण तुझे

करने को झुका सलाम ,तो चर्चा में आ गाए   /
        अनुभूतियाँ थी साथ में ,चाहा  जो बांटना ,
कही जो मन की बात , तो चर्चा में आगये ---------
        चेहरे पर पड़ा हिजाब था ,ना-मुनासिब ,बे -अदब बनूँ  ,
उठाई ,वक्त की मांग से ,चर्चा में आ गाए -----------
      मिलता कहाँ सकून !   बे-गैरत , जो  हो गए  ,
आया जब होश में तो ,चर्चा में आ गए  -----------
         ढूंढा ,किसी ने कब  ?  कहाँ ? बे रोशन ,बे -नूर को  ,
चल पड़ा जो ढूंढने , चर्चा में आ गाए ----------
        खुश - नशीबी  है आज मेरी ,जहीनों ,से वास्ता  ,
पाई आशीष  सबकी  ,चर्चा में आ गाए -----------
        सलामत रहे ये कारवां  ,चलता रहे बेख़ौफ़  ,
चर्चा मंच ,से उदय ,चर्चा में   आ  गये  ----------

                           उदय वीर सिंह .
                          २३/११/२०१०.

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