प्यार आया ,---- हृदय- विहीन ,
घटा chhayi-------- सावन- हीन
नेह आया ------- -नयन -हीन
ख़ुशी आई ----- ध्वनि -विहीन ,
विचार आया ------विवेक -हीन,
गीत आई ---- स्वर- विहीन
संस्कार आया -----आदर्श -हीन ,
कुमुक आई -------सरदार -हीन
लाज आई --- आँचल- विहीन ,
सूर्य आया -------बादल- विहीन ,
चाँद आया ,---- छटा - हीन ,
हाय ! ये व्यतिक्रम क्यों हो गया ?
संयमित ,असंयमित क्यों हो गया ?
किसी ने आ बताया कान में ,
किसी गोरी का घूँघट खो गया /------
उदय वीर सिंह
९/११/२०१०
2 टिप्पणियां:
bahut sundar prastuti.......padhkar ekdam alag taraha kaa rasaswadan hua
मंगलवार 11/02/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी एक नज़र देखें
धन्यवाद .... आभार ....
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