[होली के बहु प्रतीक्षित आगमन का स्वागत करते हुए समस्त प्रबुद्ध स्नेहियों को मेरे एवम मेरे परिवार की तरफ से शुभ कामनाएं ,
स्नेह ,रंग ,गुलाल का आभार पहुंचे /.वाहे गुरु ,सबको इज्जत ,मान,प्यार ,भरोषा ,सत्कार बख्से /,दुःख कभी न आये , दुःख में,
सहभागी बनें ,दुःख के निवारण का कारन बने , मानव- मात्र पीड़ा से मुक्त ,विकास की ओर उन्मुख हो / बहारों के मेले में एक कदम
हमारा भी ,होली प्रणाम के साथ बहुत -बहुत प्यार मित्रों --------- ]
सन्देश है चिंतन का , आकलन का ,
विश्वास की नाव की पतवार है होली --------
ह्रदय के भावों का मुखर उद्दगार है होली
बरसते प्यार के रंगों का त्यौहार है होली ----सन्देश है चिंतन का , आकलन का ,
विश्वास की नाव की पतवार है होली --------
मिलन है , अपनापन है , नयापन है ,
प्रतीक्षित प्यार का सुन्दर उपहार है होली ----
सुगंध है मकरंद है , अनुबंध है, सम्बन्ध है ,
खिले अनमोल फूलों का , बाज़ार है होली ------
धर्म है , आधार है , संस्कृति है समन्वय है ,
सहृदयता है,विनयता है,रसिक संसार है होली---- ,
होली रंग है , अनंग है , सत्संग है ,
बहती प्यार की सरिता का आधार है होली -----
होली राम है , कृष्ण है , राधा है ,सीता है ,
रामायण है, कुरान है, बाइबल है, गीता है ---
अभिजात्य है,अबिभाज्य है घुलनशील है,रग में ,
हटाकर बैर का पर्दा, प्रेम की प्रणेता है ----
झुग्गी - झोपड़ी ,महलों में ,कोटरों में ,
भरती मधु -कुक ,नव उत्साह की सृजेता है -----
शुभ है ,दर्शनीय है ,अभिषेक है आनंद है ,
समभाव है चेतन ,अहंकार पर विजेता है -----
हास है ,परिहास है , अधिकार है होली ,
टूटते नेह को जोड़े वो हथियार है होली ---
निर्झर बहारों का ,मधुर संगीत यारों का ,
रसीले बादलों से झरती फुहार है होली -----
टूटते मूल्य,बिखरता स्वप्न,दरकती आस्था ,
आँखों का सूनापन सवाली है ----
भीगती आँखें बे-रंग ,चाहत है मानाने की ,
प्रतीक्षा है ,क्या हुआ दामन जो खाली है ---
संवेदना है ,विवेचना है ,आत्म -चिंतन है ,
निवेदन है , स्वीकार्यता है , समर्पण है -------
प्रतिविम्ब है ,प्रतिज्ञां है ,पहचान है युग की,
रुब -रु कराती स्वयं से ,निष्पक्ष दर्पण है ----
हुंकार है ,प्रतिकार है शौर्य है ,संस्कार है ,
खेली गयी आँगन में ,कानन में बागन, में ---,
प्रेम -भूमि में ,कर्म-भूमि में, रण- भूमि में ,
खेला वीरों ने, वीरांगनाओं ने आन में,सम्मान में ,--
समायी रग़ -रग़ में ,संचार है ,सदाचार है होली ,
बांचो प्यार से,ले नेह का चश्मा,शुभ-समाचार है होली --
अतिरंजित न हो खून से , रंग के बदले ,
उदय प्रेम देकर, प्रेम लो , निश्छल, व्यापार, है ,होली -----
उदय वीर सिंह
18/03/2011
6 टिप्पणियां:
होली पर बहुत ही सुन्दर कविता है !
होली प्यार का संदेश है...मिलन है...अपनापन है... नेह को जोड़े वो हथियार है होली ....
कोई यह बात जाने तो !!!
होली मुबारक!
धर्म है , आधार है , संस्कृति है समन्वय है ,
सहृदयता है,विनयता है,रसिक संसार है होली---- ,
होली रंग है , अनंग है , सत्संग है ,
बहती प्यार की सरिता का आधार है होली -----
बहुत बढिया...सुन्दर कविता .
आपको होली की शुभकामनाये
...
हुंकार है ,प्रतिकार है शौर्य है ,संस्कार है ,
खेली गयी आँगन में ,कानन में बागन, में ---,
प्रेम -भूमि में ,कर्म-भूमि में, रण- भूमि में ,
खेला वीरों ने, वीरांगनाओं ने आन में,सम्मान में ,--
holi ki shubhkamnayen
हास है ,परिहास है , अधिकार है होली ,
टूटते नेह को जोड़े वो हथियार है होली ---
निर्झर बहारों का ,मधुर संगीत यारों का ,
रसीले बादलों से झरती फुहार है होली--
शब्द-शब्द फागुनमयी सुन्दर अभिव्यक्ति हैं ...हार्दिक बधाई
रंगपर्व होली आपको असीम खुशियां प्रदान करे..... शुभकामनायें !
समायी रग़ -रग़ में ,संचार है ,सदाचार है होली ,
बांचो प्यार से,ले नेह का चश्मा,शुभ-समाचार है होली --
अतिरंजित न हो खून से , रंग के बदले ,
उदय प्रेम देकर, प्रेम लो , निश्छल, व्यापार, है ,होली -----
बहुत सुन्दर रचना..होली का सार्थक सन्देश देती हुई..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
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