बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

जग -जीते !

{जगजीत सिंह शिर्फ़ एक नाम नहीं ,एक गुब्बार था , एक आंधी ,एक सरोकार था ,हर आमों -खास का , जूनून की हद तक ह्रदय  को उद्वेलित करने वाला हमारे बीच नहीं ,अब उनकी यादें,  स्वर, दरियादिली , जज्ज्बात,ही साथ हैं / नमन करते हैं ,उनको .....न जाने कौन से देश जो .........चले गए  ....  }



स्वर के ,सफ़र के ,शिखर के  पुरोधा ,
चले   छोड़ आँगन ,  तुम्हें   ढूढ़ते   हैं -

चले  देश  किसके , कहाँ  पर बसा है  ?
कभी  पूछते  तुम ,अब हम  पूछते हैं -

सबब  जिंदगी  के , सुकून  देने  वाले ,
क्या  तेरी  जिद  थी ,  खता  पूछते हैं -

हकीकत थेतुम ख्वाब,क्यों बन गए अब ,
रहने    की    दिल   में ,सजा   पूछते  हैं -


तेरे  स्वर  की  गंगा बहेगी  युगों तक ,
रहने  वाले  दिल में ,फ़ना  कब हुए हैं -


सूना      धरातल   ,   सुनी      निगाहें ,
कदमों   के   तेरे ,   निशान   देखते  हैं -


                                    उदय वीर सिंह
                                     १२/१०/२०११


12 टिप्‍पणियां:

कुमार राधारमण ने कहा…

संगीत जीवन से परे जाता है।

Satish Saxena ने कहा…

वह गंभीर आवाज हमारी यादों में जीवित रहेगी !

सदा ने कहा…

हकीकतथेतुम ख्वाब ,क्यों बन गए अब ,
रहने की दिल में ,सजा पूछते हैं -

तेरे स्वर की गंगा बहेगी युगों तक ,
रहने वाले दिल में ,फ़ना कब हुए हैं -
बहुत ही अच्‍छा लिखा है आपने ।

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

क्या बात है! वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुति

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

भाई उदयवीर जी इमारतें टूटतीं है तो तामीर हो जाती हैं |पुल टूटते हैं तो जोड़ दिए जाते हैं लेकिन जब कोई कलाकार ,फनकार संगीतकार हमसे विदा होता है तो युगों तक उसका विकल्प नहीं मिलता |आपकी कविता एक सच्ची श्रधान्जली है |महान गायक के लिए |

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

भाई उदयवीर जी इमारतें टूटतीं है तो तामीर हो जाती हैं |पुल टूटते हैं तो जोड़ दिए जाते हैं लेकिन जब कोई कलाकार ,फनकार संगीतकार हमसे विदा होता है तो युगों तक उसका विकल्प नहीं मिलता |आपकी कविता एक सच्ची श्रधान्जली है |महान गायक के लिए |

नीरज गोस्वामी ने कहा…

तेरे स्वर की गंगा बहेगी युगों तक ,
रहने वाले दिल में ,फ़ना कब हुए हैं

बेहतरीन...दाद कबूल करें...जगजीत सिंह जैसे लोग कभी मर नहीं सकते...शरीर छोड़ कर वो लोगों के दिलों में बस जाते हैं.

नीरज

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति!
स्व. जगजीतसिंह को श्रद्धांजलि!

Smart Indian ने कहा…

ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना ...

रचना दीक्षित ने कहा…

एक दम सच कहा है.

तेरे स्वर की गंगा बहेगी युगों तक ,
रहने वाले दिल में ,फ़ना कब हुए हैं.

सुंदर भाव.

सागर ने कहा…

bhaut hi sundar....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

युग की समाप्ति हो गई उनके साथ ... श्रधांजलि है ...