कमजोर होते हैं , नेह धागे ,
जोड़ोगे दिल से, तो कायम रहेगा -
*
वर्षा जो सावन हुलस वीथियों में ,
जख्मों का दर भी मुलायम रहेगा -
*
न बीतेंगी रातें , सितारों को गिनते ,
मधुर रागिनी का , गायन रहेगा -
*
अधर मौन होंकर भी , संवाद होगा ,
ह्रदय गीत गाये , ह्रदय ही सुनेगा-
*
कली ,पुष्प, कोमल किसलय न होंगे,
स्नेह फिरभी हृदय में कभी कम न होगा-
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पलक में बसे जो छलक छलक जाते,
भरोषा दिया है , निभाना पड़ेगा-
उदय वीर सिंह
28/ 06 / 2012
10 टिप्पणियां:
न बीतेंगी रातें ,सितारों को गिनते ,
मधुर रागिनी का , गायन रहेगा -
सुमधुर रागिनी ...बहुत सुंदर भाव ...
शुभकामनायें. ...!!
बढ़िया नेह धागे |
बधाई भाई जी ||
अधर मौन होंकर भी, संवाद होगा ,
ह्रदय गीत गाये , ह्रदय ही सुनेगा
मौन की भाषा बड़ी प्रबल होती है..
ਬਹੁਤ ਹੀ ਵਧੀਆ ਲੱਗੀ ਰਚਨਾ....
ਨੇਹ ਧਾਗੇ ਜਾਣੀ ਮੋਹ ਦੇ ਧਾਗੇ
कमजोर होते हैं , नेह धागे ,
जोड़ोगे दिल से, तो कायम रहेगा
ਵਧਾਈ !
ਹਰਦੀਪ
पलक में बसे जो छलक छलक जाते,
भरोषा दिया है , निभाना पड़ेगा-
ਇਹ ਸਤਰਾਂ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਲੱਗੀਆਂ।
ਚੰਗੀ ਲਿਖਤ ਲਈ ਵਧਾਈ!
ਵਰਿੰਦਰਜੀਤ
अनुपम भाव लिए बेहतरीन प्रस्तुति।
अधर मौन होंकर भी, संवाद होगा ,
ह्रदय गीत गाये , ह्रदय ही सुनेगा-
...बहुत सुन्दर और भावमयी रचना...बधाई
मनरेगा के नाम पर,मुखिया के घर भोग |
ककड़ी,खीरा छोड़कर,चिप्स चबाते लोग ||(५)
कविता तो अच्छी है ही, अनुप्रास ने मन मोह लिया।
एक सुंदर रचना ...
बधाई भाई जी !
अधर मौन होंकर भी, संवाद होगा ,
ह्रदय गीत गाये ,ह्रदय ही सुनेगा-
उत्कृष्ट मधुर भावों की ठंडी सी
फुआर है आपकी यह अनुपम अभिव्यक्ति.
दिल को विभोर और सराबोर कर दिया है.
बहुत बहुत आभार जी.
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