प्यारे देश वासियों ,जय हिंद !
वतन की शान में , कुर्बान ,
वफादार होते हैं ,
मात्री - भूमि के गुस्ताख ,
यार नहीं , गद्दार होते हैं -
बाबर का खून ,औरंगजेब
की दुनिया ,दफ़न हो गयी
वहसी आततायियों के
दिन , दो चार होते हैं -
शमशीर कहती है फख्र से,
उल्फत हो गयी हमको ,
दिवान- ए- वतन ,अजीज ,
सोहबत- ए- यार होते हैं -
{शहीद बाबा दीप सिंह जी,
शीश कटने के बाद भी लड़ते रहे
गंतव्य हरमंदिर साहिब पहुंचे]
जिसने कोख में जन्मा ,
दी ज़मीन पैरों को ,
देने वाले ठोकर ,मक्कारो ,
बदकार होते हैं -
जिनकी शहादत से कायम
वजुद रश्मों रसूख है तेरा ,
हजारों जन्नत जिनके ,
कदमों में निसार होते हैं-
गैरत मरी नहीं,चिरागे हिंद
रखते हैं, अंगार सिने में ,
जर्रे , जर्रे में, भारत के ,
भगत सिंह,आजाद होते हैं-
देश- द्रोह है ,शहीदों व देश
का अपमान करने वालों !
तारीख गवाह है ,हथेली में ,
सिर लिए, सरदार होते हैं -
उदय वीर सिंह
14/08/2012
वतन की शान में , कुर्बान ,
वफादार होते हैं ,
मात्री - भूमि के गुस्ताख ,
यार नहीं , गद्दार होते हैं -
बाबर का खून ,औरंगजेब
की दुनिया ,दफ़न हो गयी
वहसी आततायियों के
दिन , दो चार होते हैं -
शमशीर कहती है फख्र से,
उल्फत हो गयी हमको ,
दिवान- ए- वतन ,अजीज ,
सोहबत- ए- यार होते हैं -
{शहीद बाबा दीप सिंह जी,
शीश कटने के बाद भी लड़ते रहे
गंतव्य हरमंदिर साहिब पहुंचे]
जिसने कोख में जन्मा ,
दी ज़मीन पैरों को ,
देने वाले ठोकर ,मक्कारो ,
बदकार होते हैं -
जिनकी शहादत से कायम
वजुद रश्मों रसूख है तेरा ,
हजारों जन्नत जिनके ,
कदमों में निसार होते हैं-
गैरत मरी नहीं,चिरागे हिंद
रखते हैं, अंगार सिने में ,
जर्रे , जर्रे में, भारत के ,
भगत सिंह,आजाद होते हैं-
देश- द्रोह है ,शहीदों व देश
का अपमान करने वालों !
तारीख गवाह है ,हथेली में ,
सिर लिए, सरदार होते हैं -
उदय वीर सिंह
14/08/2012
13 टिप्पणियां:
बाबर का खून ,औरंगजेब
की दुनिया ,दफ़न हो गयी
वहसी आततायियों के
दिन ,दो चार होते हैं,,,,
आपने सही कहा,,,,
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बधाई,,,,,उदय जी,,,
स्वतंत्रता दिवस बहुत२ बधाई,एवं शुभकामनाए,,,,,
RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....
इतिहास के पन्ने साक्षी हैं..
गैरत मरी नहीं,चिरागे हिंद
रखते हैं, अंगार सिने में ,
जर्रे , जर्रे में, भारत के ,
भगत सिंह,आजाद होते हैं-
देश- द्रोह है ,शहीदों व देश
का अपमान करने वालों !
तारीख गवाह है ,हथेली में ,
सिर लिए, सरदार होते हैं -
ऐतिहासिक तथ्यों का स्मरण कराती ओजपूर्ण में अभिव्यक्र देश भक्ति गीत को सतत नमन. लेखनी को भी प्रणाम.
lazabab.....
बाबर का खून ,औरंगजेब
की दुनिया ,दफ़न हो गयी
वहसी आततायियों के
दिन , दो चार होते हैं...
आज के हालत से रूबरू करवाती रचना , बहुत खूब
गैरत मरी नहीं,चिरागे हिंद
रखते हैं, अंगार सिने में ,
जर्रे , जर्रे में, भारत के ,
भगत सिंह,आजाद होते हैं ...
वीरों की कुर्बानियां दिल में दीप बन के जलती रहती हैं ... इन्ही की बदौलत आज वतन कायम है ...
१५ अगस्त की बधाई ...
भाई उदयवीर जी अच्छी कविता ब्लॉग पर उत्साहवर्धन हेतु आभार |सत श्री अकाल |स्वतंत्रता दिवस की बधाई |
देश- द्रोह है ,शहीदों व देश
का अपमान करने वालों !
तारीख गवाह है ,हथेली में ,
सिर लिए, सरदार होते हैं -
...इतिहास को भूल कर यूँ ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब फिर से नया रचा जाएगा ..
बहुत बढ़िया सार्थक प्रस्तुति ..
वतन की शान में , कुर्बान ,
वफादार होते हैं ,
मात्री - भूमि के गुस्ताख ,
यार नहीं , गद्दार होते हैं
वाह! बहुत अच्छे भाव हैं.यह जज़्बा बना रहे.
आजादी की वर्षगांठ पर बहुत- बहुत शुभकामनाएं.
बहुत ही बढ़िया
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
itihas sakshi hai inhi veer sapooton ke karan ham aman chain se hai..abhar..
देश पर मिटनेवाले वीर शहीदों को नमन
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये
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