गुजर जायेगी जींद , जिया तो करो
थोड़ी - थोड़ी प्रीत- मद पिया तो करो-
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पीर की व्यथाओं में प्रीत मूक जाये ना
धागे हैं नेह के कहीं टूट जाये ना -
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फटा तेरा आँचल देख ,सिया तो करो -
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पढोगे ह्रदय से मीत प्रीत की रुबाईयाँ
आँचल भरेगा इतनी पाओगे खुशियाँ-
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पाओगे इतनी प्रीत दिया तो करो -
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बिखर जाएगी टूट सदमों में जिंदगी
जब भी काम आएगी आएगी वन्दगी -
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प्रेम की दवा को नियमित लिया तो करो -
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- उदय वीर सिंह .
थोड़ी - थोड़ी प्रीत- मद पिया तो करो-
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पीर की व्यथाओं में प्रीत मूक जाये ना
धागे हैं नेह के कहीं टूट जाये ना -
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फटा तेरा आँचल देख ,सिया तो करो -
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पढोगे ह्रदय से मीत प्रीत की रुबाईयाँ
आँचल भरेगा इतनी पाओगे खुशियाँ-
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पाओगे इतनी प्रीत दिया तो करो -
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बिखर जाएगी टूट सदमों में जिंदगी
जब भी काम आएगी आएगी वन्दगी -
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प्रेम की दवा को नियमित लिया तो करो -
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- उदय वीर सिंह .
4 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .....!!
अच्छी प्रस्तुति.....
आभार
अनु
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!
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प्रेम सबकी दवा है...
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