शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

- कभी उदासोगे नहीं -

मिला है प्रेम का सागर तुमको  
कभी प्यासोगे नहीं -

मधुराधर में समाये गीत मृदुल  
कभी उदासोगे नहीं -

तेरे पांव के निचे पुष्प बिछे हैं 
लडख़ड़ाओगे नहीं-

ये बात अलग है प्रीत मेरे, जाकर 
फिर आओगे नहीं -

पूछेगा हृदय जब अंतस की बातें   
क्या बताओगे नहीं-

भावों के बादल शब्दों से घिरेंगे 
जब अर्थों को पाओगे नहीं - 

                                  -  उदय वीर सिंह