शराफत की पहचान होगी -
अगर ले बुनोगे मोहब्बत के धागे
रेशम सी चादर मेहरबान होगी -
लिखे फलसफ़े हैं मोहब्बत के दामन
खुशियों की दुनियां परवान होगी -
गुलशन अगर गुल- गुलाबों का होगा
शराफत की दुनियां से पहचान होगी -
दुआ मांगते हो जब गैरों की रब से
तेरे दर दुआओं की बरसात होगी -
- उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
वाह !
अच्छी कविता लिखी
आदरणीय उदय वीर सिंह जी
शुभकामनाओं सहित...
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