जख्म बोयेगा अगर ,दर्द काटेगा उदय
स्नेह बांटेगा अगर, नेह पायेगा उदय-
कौन कहता है मोहब्बत की कमी है यहाँ ,
झुकेगी दुनियां जो सिर झुकाएगा उदय -
तख्तो ताजो सल्तनत ने निभाया किसको
रहेगा प्यार ज़माने में जो कमायेगा उदय-
रहेगी महफूज दुआओं में तेरी दुनियाँ
गिरे हैं राह अगर , उन्हें उठाएगा उदय -
- उदय वीर सिंह
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