मंगलवार, 21 जुलाई 2015

साहिल अब करीब है -


गा रहे हैं गीत इक ,मेरे हमनवा नसीब है
कस्रे मोहब्बत पास है हर रोज मेरी ईद है -
गुल खिलेंगे हर डाल पर गर गुलशन रहा
भूल जाएंगे ख़िज़ाँ के वस्ल को उम्मीद है -
हम सिकंदर न हुये हमसफर हैं हम कदम
फतह हमारी है लिखी गर दौर भी रकीब है -
गुरबती गर साथ है तो हौसला भी कम नहीं
डूबा सफ़ीना गम नहीं साहिल अब करीब है -
उदय वीर सिंह
Udaya Veer Singh's photo.
Like · Comment · 

कोई टिप्पणी नहीं: