प्रीत को पाँव दे दो
क्षितिज समतल है प्रीत को
पाँव दे दो -
विशाल तरुवर हो प्रीत को
छांव दे दो -
अनाम होकर न रहे प्रीत को
नाम दे दो -
विशद साम्राज्य तेरा है उसे एक
गाँव दे दो -
सतत जीवन न रहेगा उड़ान पर
एक ठाँव दे दो -
नीर पर प्रीत उकेरी नहीं गयी
हृदय में मान दे दो -
उदय वीर सिंह
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