गुरु गोबिन्द सिंह [ The second to none...]
349 वें पावन प्रकाश पर्व पर समस्त जनमानस को लख लख बधाइयाँ ... शुभकामनाएं .।
सूरा सो पहिचानिए जो लड़े दीन के हेत
इतिहास व दुनियाँ की नजरों में - [ दस्तावेजों से ]
शाहे -शहँशाह दशम पातशाह गुरु गोबिन्द सिंह
जन्म 22,दिसंबर 1666 स्थान - [ पटना साहिब बिहार ]
ज्योति-जोत समाये 7 अक्तूबर -1708 स्थान -[ नांदेढ़ साहिब महाराष्ट्र ]
पिता जी - नवम पातशाह गुरु तेगबहादुर सिंह जी महाराज
मांता जी - मांता गुजर कौर जी ।
अर्धांगिनी - मांता सुंदरी जी ।
पुतर - बाबा सिंह जी ,बाबा अजित सिंह जी ,बाबा जोरावर सिंह जी ,बाबा जुझार सिंह जी
ज्ञाता- गुरुमुखी ,हिन्दी, संस्कृत अरबी फारसी उर्दू ।
रश्मि प्रभा -अलौकिक पारग्रही संत , अतुलनीय योद्धा ,रणनीतिकार,दार्शनिक , कवि ,संस्कार मूल्य -प्रणेता । सच्चे अर्थों में लोकतन्त्र के संस्थापक । मानवीय मूल्यों के प्रतिदर्श ।
भारत और भारतीयता के मूल्य संस्थापनार्थाय निज -पिता [गुरु तेगबहादुर सिंह जी ] माँ -[गुजर कौर ] निज -पुत्र [ चार पुत्र ] व परिवार को न्योछावर कर अपने वचनों को स्वयं सिद्ध कर दिया ।
जो तो प्रेम खेलन का चावों ,सिर धर तली गली मेरे आओ ॥
जेह मरग पैर धारिजै शीश दिजै कान्ह न कीजै ॥
शाहे-शहँशाह गुरु गोबिन्द सिंह के संदर्भ में विश्व-भर के दार्शनिक , राजनीतिज्ञ,विद्वान चिंतक समाज-शास्त्रीयों के कुछ अनमोल विचार
किसने क्या कहा -[ एक नजर दस्तावेजों से ]
बुल्ले शाह-
न कहूं अबकी ,न कहूं तबकी
गर न होते गुरु गोबिंद सिंह
सुन्नत होती सबकी ।
अल्ला यार खान -[ इस्लामी इतिहासकर व कवि ]-
इंसाफ गर करे जो जमाना तो यकीन है
कह देगा के गोबिंद का कोई सानी नहीं है -
अब्दुल तुरानी [ औरंगजेब का जासूस ]-
बादशाह सावधान हो जाईये ,गुरु गोबिंद सिंह ईश्वर का जिवंत रूप है ,उसके विरुद्ध होना ख़ुदा के विरुद्ध होना है .....
मोहमद लतीफ़ [Historian ]-
Guru Govind Singh was great as a person ,greater as a soldier and as a philosopher he was second to non ....
किबरिया खान [कवि ] -
क्या दसमेश पिता तेरी बात कहूं
जो तूने परोपकार किये -
एक खालस खालसा पंथ सजा
जातों के भेद निकाल दिए-
पीर भीखम शाह [दरवेश]-
पटना [bihar ] की तरफ रुख करके अपनी नमाज
पढते रहे ,यह घोषित कर के की मेरा साईं पटना में अवतरित हो गया है ...
स्वामी विवेकानंद
हमारी नस्ल का महान गौरवशाली नायक ......
लार्ड कनिंघन [इंगलैंड]-
....The lowest of the lowly became equal to the highest of the higher caste .
स्वामी महेश्वरा नन्द -
गुरु गोबिंद सिंह जी ने ,एक सिख में ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य ,शुद्र की सभी शक्तियों[ गुणों ] को समाहित कर दिया ......
W .M .Gregor -
Guru Gobind Singh affected a total reform in the religion manners and habbits of the Sikhs .......
F . Pincott .-
God was speaking in guru ...
.
पंडित मदन मोहन मालवीय -
प्रत्येक हिन्दू परिवार को अपने एक सदस्य को गुरु गोबिंद सिंह के सिंह के रूप में परिवर्तित करना होगा ...
K .M .पणिक्कर -
महान गुरु ने 'आदि ग्रन्थ 'को जीवित गुरु के रूप में स्थापित कर सर्वयापी गुरु का रूप दिया ...
Sir William Warburt -
खालसा तर्कों व् नैतिक मूल्यों के शिखिर मानदंडों पर आधारित है ..
डॉ.राजेंद्र प्रसाद [प्रथम राष्ट्रपति ]-
सिख गुरु महान युग प्रवर्तक व् राष्ट्र नायक हैं जिनके अंदर किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है ...
डॉ राधा कृषणन -
गुरु साहिबान अनंत समय के लिए ज्योति स्वरुप मनुष्यता के दूत हैं ....
बिल क्लिंटन [ एक्स प्रेसिडेंट ऑफ़ अमेरिका ]-
जब हम मनुष्य प्रजाति में खोजते है तो पाते हैंकी गुरुओं का जीवन और उपदेश समस्त मानव जाति के लिए एक सामान व् पारदर्शी था ,जो अद्भत है ..
दलाई लामा - [धार्मिक गुरु]
गुरु साहिबान अपनी अद्वितीय छबि के कारन आसमान के अप्रतिम तारों के बिच अप्रतिम तारे हैं ...
रबिन्द्र नाथ टैगोर-
गुरु की शबद जोति प्रशंसनीय और अप्रतिम है ..
W .Churchil [ex P .M .England ] -
The superior religion based on supreme social values ...
******
जर्रे को आफताब बनाए वाले तेरी जरुरत है
ढूंढते हैं नैन मेरे ज्योति वाले तेरी जरुरत है
पंथ की राह में सरबंस लुटाने वाले तेरी जरुरत है
तेरे दर के हम सवाली बाजां वाले तेरी जरुरत है -
वाहे गुरु जी दा खालसा
वाहे गुरु जी दी फ़तेह ....
- उदय वीर सिंह
349 वें पावन प्रकाश पर्व पर समस्त जनमानस को लख लख बधाइयाँ ... शुभकामनाएं .।
सूरा सो पहिचानिए जो लड़े दीन के हेत
इतिहास व दुनियाँ की नजरों में - [ दस्तावेजों से ]
शाहे -शहँशाह दशम पातशाह गुरु गोबिन्द सिंह
जन्म 22,दिसंबर 1666 स्थान - [ पटना साहिब बिहार ]
ज्योति-जोत समाये 7 अक्तूबर -1708 स्थान -[ नांदेढ़ साहिब महाराष्ट्र ]
पिता जी - नवम पातशाह गुरु तेगबहादुर सिंह जी महाराज
मांता जी - मांता गुजर कौर जी ।
अर्धांगिनी - मांता सुंदरी जी ।
पुतर - बाबा सिंह जी ,बाबा अजित सिंह जी ,बाबा जोरावर सिंह जी ,बाबा जुझार सिंह जी
ज्ञाता- गुरुमुखी ,हिन्दी, संस्कृत अरबी फारसी उर्दू ।
रश्मि प्रभा -अलौकिक पारग्रही संत , अतुलनीय योद्धा ,रणनीतिकार,दार्शनिक , कवि ,संस्कार मूल्य -प्रणेता । सच्चे अर्थों में लोकतन्त्र के संस्थापक । मानवीय मूल्यों के प्रतिदर्श ।
भारत और भारतीयता के मूल्य संस्थापनार्थाय निज -पिता [गुरु तेगबहादुर सिंह जी ] माँ -[गुजर कौर ] निज -पुत्र [ चार पुत्र ] व परिवार को न्योछावर कर अपने वचनों को स्वयं सिद्ध कर दिया ।
जो तो प्रेम खेलन का चावों ,सिर धर तली गली मेरे आओ ॥
जेह मरग पैर धारिजै शीश दिजै कान्ह न कीजै ॥
शाहे-शहँशाह गुरु गोबिन्द सिंह के संदर्भ में विश्व-भर के दार्शनिक , राजनीतिज्ञ,विद्वान चिंतक समाज-शास्त्रीयों के कुछ अनमोल विचार
किसने क्या कहा -[ एक नजर दस्तावेजों से ]
बुल्ले शाह-
न कहूं अबकी ,न कहूं तबकी
गर न होते गुरु गोबिंद सिंह
सुन्नत होती सबकी ।
अल्ला यार खान -[ इस्लामी इतिहासकर व कवि ]-
इंसाफ गर करे जो जमाना तो यकीन है
कह देगा के गोबिंद का कोई सानी नहीं है -
अब्दुल तुरानी [ औरंगजेब का जासूस ]-
बादशाह सावधान हो जाईये ,गुरु गोबिंद सिंह ईश्वर का जिवंत रूप है ,उसके विरुद्ध होना ख़ुदा के विरुद्ध होना है .....
मोहमद लतीफ़ [Historian ]-
Guru Govind Singh was great as a person ,greater as a soldier and as a philosopher he was second to non ....
किबरिया खान [कवि ] -
क्या दसमेश पिता तेरी बात कहूं
जो तूने परोपकार किये -
एक खालस खालसा पंथ सजा
जातों के भेद निकाल दिए-
पीर भीखम शाह [दरवेश]-
पटना [bihar ] की तरफ रुख करके अपनी नमाज
पढते रहे ,यह घोषित कर के की मेरा साईं पटना में अवतरित हो गया है ...
स्वामी विवेकानंद
हमारी नस्ल का महान गौरवशाली नायक ......
लार्ड कनिंघन [इंगलैंड]-
....The lowest of the lowly became equal to the highest of the higher caste .
स्वामी महेश्वरा नन्द -
गुरु गोबिंद सिंह जी ने ,एक सिख में ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य ,शुद्र की सभी शक्तियों[ गुणों ] को समाहित कर दिया ......
W .M .Gregor -
Guru Gobind Singh affected a total reform in the religion manners and habbits of the Sikhs .......
F . Pincott .-
God was speaking in guru ...
.
पंडित मदन मोहन मालवीय -
प्रत्येक हिन्दू परिवार को अपने एक सदस्य को गुरु गोबिंद सिंह के सिंह के रूप में परिवर्तित करना होगा ...
K .M .पणिक्कर -
महान गुरु ने 'आदि ग्रन्थ 'को जीवित गुरु के रूप में स्थापित कर सर्वयापी गुरु का रूप दिया ...
Sir William Warburt -
खालसा तर्कों व् नैतिक मूल्यों के शिखिर मानदंडों पर आधारित है ..
डॉ.राजेंद्र प्रसाद [प्रथम राष्ट्रपति ]-
सिख गुरु महान युग प्रवर्तक व् राष्ट्र नायक हैं जिनके अंदर किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है ...
डॉ राधा कृषणन -
गुरु साहिबान अनंत समय के लिए ज्योति स्वरुप मनुष्यता के दूत हैं ....
बिल क्लिंटन [ एक्स प्रेसिडेंट ऑफ़ अमेरिका ]-
जब हम मनुष्य प्रजाति में खोजते है तो पाते हैंकी गुरुओं का जीवन और उपदेश समस्त मानव जाति के लिए एक सामान व् पारदर्शी था ,जो अद्भत है ..
दलाई लामा - [धार्मिक गुरु]
गुरु साहिबान अपनी अद्वितीय छबि के कारन आसमान के अप्रतिम तारों के बिच अप्रतिम तारे हैं ...
रबिन्द्र नाथ टैगोर-
गुरु की शबद जोति प्रशंसनीय और अप्रतिम है ..
W .Churchil [ex P .M .England ] -
The superior religion based on supreme social values ...
******
जर्रे को आफताब बनाए वाले तेरी जरुरत है
ढूंढते हैं नैन मेरे ज्योति वाले तेरी जरुरत है
पंथ की राह में सरबंस लुटाने वाले तेरी जरुरत है
तेरे दर के हम सवाली बाजां वाले तेरी जरुरत है -
वाहे गुरु जी दा खालसा
वाहे गुरु जी दी फ़तेह ....
- उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
जो लड़े दीन के हेत, सूरा सोही
अंधतम में प्रकाशपुंज।
एक टिप्पणी भेजें