स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या पर समस्त भारतवासियों को लख-लख बधाई -
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आओ ढूंढ लेते हैं अपनी विरासत कोवास्ता वतन से है छोड़ दें सियासत को -
सूही - सूही जिंदगी निसारी वतन पे है
सिजदा शहीदों को उनकी सहादत को -
सिजदा शहीदों को उनकी सहादत को -
रोया सितम था ,वो वीर सरफरोश थे
इसरार मौत थी, वतन की हिफाजत को -
वन्देमातरम ही लिखा जख्मों से बहता खून
आजादी के गीत लिखे दिल की किताबों को -
ज़र्रों ने लिखा हम जन्नत न चाहते
हम हिंदुस्तानी पहले वतन की इबादत को -
हम हिंदुस्तानी पहले वतन की इबादत को -
उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
हम हिन्दुस्तानी पहले हैं वतन की हिफाजत को। काश यह हम सब हर पल याद रखें, क्या जनता क्या नेता। क्या मंत्री क्या संत्री।
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