कुछ गुजर गई है जिंदगी
कुछ गुजर रही है आज भी-
सूरज तारे चाँद प्रश्नगत
ले प्रश्न खड़े हैं चिराग भी -
किश्तों में कुछ बिखर गई
कुछ बिखर रही है आज भी -
कुछ संवारा काल की धुन
कुछ की नेह आवाज भी -
प्रेम का सौदा किया जब
तख्त छूटा, ताज भी -
जब घरौंदा नम हुआ
पर गये परवाज़ भी -
उदय वीर सिंह
कुछ गुजर रही है आज भी-
सूरज तारे चाँद प्रश्नगत
ले प्रश्न खड़े हैं चिराग भी -
किश्तों में कुछ बिखर गई
कुछ बिखर रही है आज भी -
कुछ संवारा काल की धुन
कुछ की नेह आवाज भी -
प्रेम का सौदा किया जब
तख्त छूटा, ताज भी -
जब घरौंदा नम हुआ
पर गये परवाज़ भी -
उदय वीर सिंह
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