दामन में मिले अंगारे
हर ख्वाब जल गए
हर चेहरे हुये बेगाने
रिश्ते बदल गए -
कहीं सुननी पड़े न आरजू
पीछे से निकल गये -
अभी रात बहुत थी बाकी
तारे चाँद ढल गए -
उदय वीर सिंह
हर ख्वाब जल गए
हर चेहरे हुये बेगाने
रिश्ते बदल गए -
कहीं सुननी पड़े न आरजू
पीछे से निकल गये -
हाथों के रहे गुलाब कल
पैरों से मसल गए - अभी रात बहुत थी बाकी
तारे चाँद ढल गए -
उदय वीर सिंह
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