मंगलवार, 8 नवंबर 2016

जागो मशालों अब ....

जागो मशालों अब सहर होनी चाहिए 
कहाँ आफताब है ,खबर होनी चाहिए -
कब तक सहारों पर बसर होगी जिंदगी 
मंजिल की राहों पर नजर होनी चाहिए -
दूध वाली रोटी और खून वाली रोटी में
कौन सी हमारी है, कदर होनी चाहिए -
दुर्गंध आती वीर  ठहरी हुई झीलों से 
रुके हुए पानी में ,लहर होनी चाहिए -

उदय वीर सिंह 

2 टिप्‍पणियां:

Deepak Saini ने कहा…

बहुर सुन्दर

Deepak Saini ने कहा…

बहुत सुंदर