गीतों
के श्री आँगन में प्रेम
भी है
श्रिंगार भी है,
वेदन भी है -
स्मृतियों के सुंदरवन स्नेह भी है
आभार भी है,संवेदन भी है -
स्नेह के कुंज में शांति शुलभ
विनय भी है, आवेदन भी है -
हो सहयोग क्षितिज का आलंबन
विश्वास भी है प्रतिवेदन भी है -
संकल्प हृदय का आभूषण है
वर प्रज्ञा का निकेतन भी है -
पीर के मर्म में वत्सलता धीर भी है
नीर भी है अतिरंजन भी है -
उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
बढ़िया
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