रविवार, 5 मार्च 2017

तुमको खुतबा खिताब....

तुमको खुतबा खिताब
मिल जाएंगे
हमे मयस्सर नहीं चिराग
तुमको आफताब
मिल जाएंगे
कहते हो तुम्हारी जमीन में
कांटे नहीं उगते 
ढूंढो जरा गौर से  वीर एक नहीं 
हजार मिल जाएगे ....
तुम्हें गिला है मेरी आवाज से ,
खरीदोगे तो बहुत बे-आवाज
मिल जाएंगे 
उदय वीर सिंह 


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