जीवन के सफर में तुम रोए
हम रोये तो क्या हुआ -
जीवकी डगर ही अंधी है
दिल खोये तो क्या हुआ
पाँव थके जब शाम हुई
गम धोये तो क्या हुआ
जीवन मे चाहा फूल उगें
कांटे उगे तो क्या हुआ -
नजरानों का मौसम है
कुछ पास नहीं तो क्या हुआ
हम रोये तो क्या हुआ -
जीवकी डगर ही अंधी है
दिल खोये तो क्या हुआ
पाँव थके जब शाम हुई
गम धोये तो क्या हुआ
जीवन मे चाहा फूल उगें
कांटे उगे तो क्या हुआ -
नजरानों का मौसम है
कुछ पास नहीं तो क्या हुआ
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