शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

आत्मा व वैद्य टूर गए बीमार रह गया

कितना वसूलते कर सुखी रगों से
आत्मा वैद्य टूर गए बीमार रह गया
खरीददार  रहे बाजार रह गया

चुकाने वाले  रहे उधार रह गया -
नामलेवा रहा घर परिवार में कोई
पर वसूली का पूरा अधिकार रह गया -
बंद हो गईं मिलें खाली मिल का मैदान
वो दिवालिया हो गईं समाचार रह गया
सिमट गए हाथ बिखर गए सपने
मालिक आबाद मुलाजिम बर्बाद रह गया

उदय वीर सिंह