सपने तुम नींद में मैं खुली आँखों से देखता हूँ
कितना अंतर है तेरी रात और मेरी रात में -
शराफत का वजन कम पिछली कतार में है
कितना अंतर है तेरी बात और मेरी बात में -
कहने को गगन एक जमीन की निजामत में हैं
कितना अंतर है तेरी जमात और मेरी जमातमें-
बारूदों की गंध इत्र को धता बता
रही
कितना अंतर है तेरे ख्यालात और मेरे ख्यालात में -
उदय
वीर सिंह
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