रविवार, 9 सितंबर 2018

कुदरत एक जैसी है -

मुख्तलिफ रंगों का शहर 
नफ़रत एक जैसी है -
सजा और इनाम के वक्त, 
हुक्मरानों की फितरत एक जैसी है -
छुपा लो बख्तरबंद या तहखानों में 
कुदरत एक जैसी है -
अंधेरो या उजालों की मोहताज नहीं
रब दी रहमत एक जैसी है -
उदय वीर सिंह
[मारीशश सम्मेलन के दौरान मारीशश देश की शिक्षा ,न्याय व समाजिक मंत्री श्रीमती लीला देवी दुखन के साथ कुछ सरोकारी पल ]

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