नहीं चाहते हम कलम तोड़ देना
अभी फैसलों की एक लम्बी सतर है -
अभी पाँव में न लगेगी
महावर
काँटों भरी एक लम्बी डगर है -
अभी शस्त्र तरकस में वापस न होंगे
अभी पापियों की देख लम्बी उमर है -
आँखों को आंसू से तर न करेंगे
काफिला हौसलों का अभी मुन्तजिर है -
आशियानों के
पत्थर तराशो उदय
तूफानों के आने की आई खबर है -
उदय वीर सिंह
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