सोमवार, 26 नवंबर 2018

सम्मान चाहिए था जी -


रोटी कपड़ा जीवन को
मकान चाहिए था जी
शिक्षा और सुरक्षा सुख
सम्मान चाहिए था जी -
एक ही चमन के वारिस 
एक पहचान चाहिए था जी -
कैसे गोरे काले एक
इन्सान चाहिए था जी-
कश्मीर से कुमारी कन्या
एक हिन्दुस्तान चाहिए था जी -
कैसा उंच नीच भेद 
जाति वर्ग वाद कैसा ?
हम सब भारतवासी एक
जुबान चाहिए था जी -
उदय वीर सिंह


1 टिप्पणी:

kuldeep thakur ने कहा…

जय मां हाटेशवरी...
अनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 27/11/2018
को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।