शनिवार, 19 जनवरी 2019

मारीशस में सिक्ख -दर्शन


मारीशस में सिक्ख -दर्शन 
मारिशस यात्रा अगस्त 2018 [ विश्व हिंदी सम्मलेन ]
मरिशस देश की यात्रा के दौरान मुझे हिंदी सम्मलेन में कुछ अनुरागियों द्वारा अवगत कराया गया कि सम्मलेन स्थल ' स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह ' से लगभग पांच [5 ] किलोमीटर दूर एक सिख गुरुद्वारा भी है,जिसकी मारीशस में आरंभिक काल से रह रहे सिक्ख अनुयायियों अन्य धर्मावलम्बियों द्वारा बड़ी श्रद्धा पूर्वक सेवा- संभाल की जाती है मैं उस गुरूद्वारे के दर्शन- दीदार की इच्छा व्यक्त की, जिसे वहा एक भारतीय मूल के प्रवासी श्री जगदीश नायक जी जो मारीशस के एक कपड़ा कारखाना में महाप्रबंधक पद पर स्थापित हैं वे मूल रूप से भारतीय गुजरात प्रदेश से आते हैं मेरी सदिच्छा को मूर्त रूप दिया हिंदी -सम्मलेन का दायित्व संम्भाल रहे विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव सरदार एम पी सिंह जी भी अपना कीमती वक्त निकाल कर उस पवित्र गुरूद्वारे का दर्शन करने पहुंचे मैं और डॉ डी एन शर्मा जी सरदार आर पी सिंह ने बड़े श्रद्धा भाव से कथा -कीर्तन उपरांत संगत के साथ गुरु-घर का प्रसाद पवित्र लंगर छक निहाल हुए
मारीशस में मूल सिक्ख बसिदों [ परिवार की ]संख्या मात्र लगभग पच्चीस ही है परन्तु उनका योगदान मारीशस की खुशहाली,तरक्की में किसी से कमतर नहीं है शिक्षा ,सुरक्षा व्यापार में उनका उल्लेखनीय योगदान समर्पण है मारीशस के पडोसी मुल्क यथा कीनिया,फिजी सूरीनाम आदि के सिख पंजाबी अनुयायीयों के सहयोग से मारीशस में एक मेडिकल कालेज की स्थापना की गयी है,जो मारीशस के चिकित्सा क्षेत्र निरोग जीवन में नया आयाम साबित हो रहा है, जिसमें अन्य मुल्कों से छात्र अध्ययन करने आते हैं।
मारीशस खेल जगत में भी इस धर्मावलम्बियों का महत्व पूर्ण योगदान मिल रहा है। सरदार पी जे सिंह अहलुवालिया ने मारीशस क्रिकेट के कप्तान पद को भी सुसोभित किया है ,आशा है शीघ्र ही मारीशस क्रिकेट विश्व क्रिकेट में अपनी प्रतिभागिता दर्ज कराएगा ,मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएँ मारीशस क्रिकेट प्रेमियों को  
उस सुदूर एक अभिशापित देश को सुन्दर देश बनाने में भारतीयों का ही अप्रतिम योगदान देख तन मन पुलकित हो उठता है ,भाषा ,संस्कृति ,संस्कार वहा मुखर हो उठा है जी रहा है अपना देश अपने उच्चतम भावों को ,अपनी माटी की महक गर्दिशी ,मुफलिसी, जुल्मों सितम को बहुत दूर कहीं गह्वर में तिलांजलि दे गुलजार हो उठी है ।तमाम गतिरोधों के बाद भी प्रखरता अपने गंतव्य को प्राप्त कर रही है शिखर छुए अपने देश की सास्वत प्रेम भरी राग ,सास्वत प्रवाह प्रेम अनुराग समर्पण मानवता को नए आयाम मिलें अपनी सद्दभावना शुभकामनाओं के साथ ...
ह्रदय से आभारी हैं , ग्यानी जी सरदार निर्मल सिंह जी का , श्री जगदीश नायक जी ,सरदार ऍम पी सिंह अन्य मानयोग पंथ सेवियों,श्रद्धालुओं का
उदय वीर सिंह





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