शनिवार, 16 फ़रवरी 2019

दिल में वतन रखना -


अमर सपूतों को अश्रुपूरित पीर भरी विनम्र श्रद्धांजलि ...
देखे हैं अपनी आँखों में तेरे ख्वाब
मैं अपना ख्वाब नहीं मांगूंगा
तेरी होली तेरी दिवाली में देखी है
अपनी होली दीवाली और बैसाखी
अपने दर्दों का हिसाब नहीं मांगूंगा-
कुछ अधूरी छोड़ आया था माँ बापू
वोटी,नन्हीं परी की दरख्वास्त ,
मेरे पीछे मेरेअपनों के झरते नीर
वेदनाओं का जवाब नहीं मांगूंगा -
तुम खुश रहना मेरे वतन वालों !
एक अरदास मेरी है - 'वतन दिल में रखना '
तुमसे तख्तो -ताज नहीं मांगूंगा -
उदय वीर सिंह



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