आपने साख़ देखी है,शज़र भी देखिये
सीढ़ियां देखीं हैं तो शिखर भी देखिये-
जो आ गए हैं जलते शहर के दरमियाँ
हिजाब से ही सही मंजर भी देखिये -
जिन हाथों में देखा है लाल गुलाब
उन हाथों के आप खंजर भी देखिये -
पनाही के अजायबघर का हाल सुना है
हाथों में लिए खंजर व जिगर भी देखिये -
उकेरा है रंग ह्रदय की गहराईयों में डूब
उस मुसव्विर की नजर भी देखीये -
उदय वीर सिंह
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