हर हाल में चलने को अपना पैर होना चाहिए -
अगर गंतव्य पाना है, आलोचक गैर होना चाहिए -
अपमान के गांवों में सम्मान न ढूढो,
संस्कार कहते हैं लबों पर खैर होना चाहिए -
अहसान करना जी कभी सन्दर्भ न लेना,
नफा नुकसान से दूरी,मनस निरवैर होना चाहिए -
-उदय वीर सिंह
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