नीर से ज्वाला उठी तो, समीर शीतल व्यग्र होंगे -
जल उठेंगे पात कोमल,पुष्प फल भी दग्ध होंगे-
पंख पखेरू भष्मित होंगे,आवेग अनल के तीव्र होंगे
विलुप्त होगी प्राण वायु,दल निहारिका के उग्र होंगे-
क्रंदन वियोग शापित अवनि नभ,संत्राश के पर्याय होंगे,
मूक होगा ज्ञान वाचक,कम्पित अधर बिन शब्द होगे -
उदय वीर सिंह
जल उठेंगे पात कोमल,पुष्प फल भी दग्ध होंगे-
पंख पखेरू भष्मित होंगे,आवेग अनल के तीव्र होंगे
विलुप्त होगी प्राण वायु,दल निहारिका के उग्र होंगे-
क्रंदन वियोग शापित अवनि नभ,संत्राश के पर्याय होंगे,
मूक होगा ज्ञान वाचक,कम्पित अधर बिन शब्द होगे -
उदय वीर सिंह
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