सोमवार, 3 जून 2019

हर दिल में आग मत ढूढो-


कायम रहने दो जिंदगी को 
हर दिल में आग मत ढूढो-
हर डाली फूलो सुगंध की नहीं 
हर बिरवे में पराग मत ढूंढो-

अपनी आँखों पर भरोषा चाहिए 
हर अँधेरे में चिराग मत ढूंढो -
रौनके इल्हाम कम नहीं दुनियां में 
वीर, प्रेम में वैराग्य मत ढूंढो

सहरा होता ही है धूप की सल्तनत 
चल सको तो चलो बाग़ मत ढूंढो
नकाब नहीं इल्म पहनो नूर वालो 
ख़िताबों के बीच खिताब मत ढूंढो-

उदय वीर सिंह



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