रविवार, 28 जुलाई 2019

गुरुओं के विरुद्ध जो साक्ष्य बने

गुरुओं के विरुद्ध जो साक्ष्य बने
अंग्रेजों के हितकारक जन
मुगलों के समधी संरक्षक सलाहकार
थे सत्ता के परिचारक जन -
सामंती गिरोह के ठग वंचक
स्वर प्रखर हो जाता है -
खून पसीना आंसू मलबा लगते
उनका दाग शिखर हो जाता है -
मानवता का मर्दन करते अशिष्ट
स्वर,कर नस्तर हो जाता है
पीड़ा को देते संवेदन विष का
उर प्रस्तर हो जाता है - 
वलिदानी वीर खलनायक लगते
राजमहल के नक्कारों को ,
जिनसे शोषित पीड़ित मानवता है
कैसे प्रसून कहें हम खारों को-

 उदय वीर सिंह 

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