हाथ जितने लम्बे हुए नजर कमजोर क्यों है
सितारे तोड़ने को कह रहे पैरों में डोर क्यों है -
बस्तियां तो इल्मवालों की थीं जंगली हो गयीं
बुत सी दिखने वाली शक्ल आदमखोर क्यों है -
जज्बात मेरे हैं ,चुभते हैं तो बेशक गिला करो
पर मेरी कलम और रोशनाई पर शोर क्यों है -
उदय वीर सिंह
सितारे तोड़ने को कह रहे पैरों में डोर क्यों है -
बस्तियां तो इल्मवालों की थीं जंगली हो गयीं
बुत सी दिखने वाली शक्ल आदमखोर क्यों है -
जज्बात मेरे हैं ,चुभते हैं तो बेशक गिला करो
पर मेरी कलम और रोशनाई पर शोर क्यों है -
उदय वीर सिंह
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