क्या कहना कुछ शेष है,
धारा 370 के पैरोकारों से-
वो बदनसीब ही होगा जो,
रूठेगा मधुर बहारों से-
कश्मीर के चूल्हे सदा जलें
रोटी पंजाबी घी मक्खन
तबलों संतूर की संगति हो
आम अमरूद मिले चिनारों से-
शालें कश्मीरी सिर पर हों,
सूरत के सूत तन कश्मीर चढ़ें,
काशी से हजरतबल के दीप,
पथ पोषित करें संस्कारों से -
मानवता की बहे बयार सतत
पियूष समता की रसधार बहे,
हो अवसर समान हर मानुष को,
अब तोड़ आँगन की दीवारों को -
उदय वीर सिंह
धारा 370 के पैरोकारों से-
वो बदनसीब ही होगा जो,
रूठेगा मधुर बहारों से-
कश्मीर के चूल्हे सदा जलें
रोटी पंजाबी घी मक्खन
तबलों संतूर की संगति हो
आम अमरूद मिले चिनारों से-
शालें कश्मीरी सिर पर हों,
सूरत के सूत तन कश्मीर चढ़ें,
काशी से हजरतबल के दीप,
पथ पोषित करें संस्कारों से -
मानवता की बहे बयार सतत
पियूष समता की रसधार बहे,
हो अवसर समान हर मानुष को,
अब तोड़ आँगन की दीवारों को -
उदय वीर सिंह
2 टिप्पणियां:
जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
11/08/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
11/08/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें