शनिवार, 10 अगस्त 2019

धरा 370 के पैरोकारों से ....

क्या कहना कुछ शेष है, 
धारा 370 के पैरोकारों से-
वो बदनसीब ही होगा जो, 
रूठेगा मधुर बहारों से-
कश्मीर के चूल्हे सदा जलें 

रोटी पंजाबी घी मक्खन 
तबलों संतूर की संगति हो
आम अमरूद मिले चिनारों से- 
शालें कश्मीरी सिर पर हों,
सूरत के सूत तन कश्मीर चढ़ें,
काशी से हजरतबल के दीप,
पथ पोषित करें संस्कारों से -
मानवता की बहे बयार सतत 
पियूष समता की रसधार बहे, 
हो अवसर समान हर मानुष को,
अब तोड़ आँगन की दीवारों को -
उदय वीर सिंह

2 टिप्‍पणियां:

kuldeep thakur ने कहा…


जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
11/08/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......

अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद

kuldeep thakur ने कहा…


जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
11/08/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......

अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद