बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

पदचिन्ह जहाँ तक जाते हैं,


पदचिन्ह जहाँ तक जाते हैं,
उनका शत-शत शुकराना है,
अग्रे पथ निर्माण करो यदि
गुह्य गंतव्य को पाना है-
पाखंडी मिथ पाखंड छोड़
हर आडम्बर को झुठलाना है
होता वलिदानी के हाथ शीश
यह वीरों का खेल पुराना है -
कभी रणभूमि में जाकर वीर
रुत वार नहीं देखा करते ,
तज दिशा देश काल मुहूर्त
होना विजयी या मिट जाना है -
उदय वीर सिंह

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