शनिवार, 14 दिसंबर 2019

अंशुमान भारत है ....


अंशुमान भारत है ....
असीमित प्रेम का अक्षय संस्थान भारत है
मानवीय दृष्टि का विषद आसमान भारत है ,
दया करुणा क्षमा की रीत ही रग में हमारी है
समदर्शी भावनाओं का सजा वितान भारत है -
शरणागत को अपने अंक ले सम्मान बख्शा है
त्याग परिणाम क्या होगा वचन का मान रक्खा है
घात -आघात भी गहरे,रहा सहता निरंतर है ,
विश्व-प्रज्ञा-पटल पर ये अटल अंशुमान भारत है -
संस्कृतियों ने अपने ज्ञान की आभा बिखेरी है ,
हर चमन के अपनी कोख की गाथा सुनहरी है -
हमारे हर गाँव गंगा हैं, हमारे हर ठांव तीरथ हैं
अतिथि देवो भवः के सूत्र का प्रतिमान भारत है -
उदय वीर सिंह



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